बड़ी नाज़ुक है ये मंज़िल मुहब्बत का सफ़र हैं - The Indic Lyrics Database

बड़ी नाज़ुक है ये मंज़िल मुहब्बत का सफ़र हैं

गीतकार - ज़मीर काज़मीक | गायक - जगजीत सिंह | संगीत - तबुन सूत्रधार | फ़िल्म - | वर्ष - 2003

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बड़ी नाज़ुक है ये मंज़िल, मुहब्बत का सफ़र है
धड़क आहिस्ता से, ऐ दिल!
धड़क आहिस्ता से ऐ दिल, मुहब्बत का सफ़र है
बड़ी नाज़ुक है ये मंज़िल ...कोई सुन ले न ये क़िस्सा, बहुत डर लगता है-२
मगर डरने से क्या हासिल?
मगर डरने से क्या हासिल: मुहब्बत का सफ़र है!
बड़ी नाज़ुक है ...बताना भी नहीं आसाँ, छुपाना भी कठिन है -२
ख़ुदाया! किस क़दर मुश्किल
ख़ुदाया! किस क़दर मुश्किल मुहब्बत का सफ़र है
बड़ी नाज़ुक है ...उजाले दिल के फैले हैं, चले आओ न जानम
चले आओ न जानम
बहुत ही प्यार के क़ाबिल मुहब्बत का सफ़र है
बड़ी नाज़ुक है ...बड़ी नाज़ुक है ये मंज़िल, मुहब्बत का सफ़र है
धड़क आहिस्ता से, ऐ दिल! ऐ दिल, ऐ दिल
मुहब्बत का सफ़र है
बड़ी नाज़ुक है ये मंज़िल ...