फ़लक़ मिलेगा तुझे क्या हमें मिटाने से - The Indic Lyrics Database

फ़लक़ मिलेगा तुझे क्या हमें मिटाने से

गीतकार - इन्दीवर | गायक - लता, रफी | संगीत - रोशन | फ़िल्म - घर घर में दिवाली | वर्ष - 1955

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फ़लक़ मिलेगा तुझे क्या हमें मिटाने से
ये मुहब्बत ना मिटेगी कभी ज़माने से )-2

ल: उठा के रंज ये दिल चूर हो गया इतना-2
के ठेस लगती है हाय
के ठेस लगती है कलियों के मुस्कुराने से
ये मुहब्बत ना मिटेगी कभी ज़माने से

र: ( जियें तो किसके लिये तुम ही जब नहीं अपने
तुम ही जब नहीं अपने )-2
के जी रहे थे हाय
के जी रहे थे अभी तक इसी बहाने से
ये मुहब्बत ना मिटेगी कभी ज़माने से

ल: जहाँ ने कह दिया बादल हैं आसमानों के
धुआँ उठा है ये हाय
धुआँ उठा है ये मेरे ही आशियाने से
ये मुहब्बत ना मिटेगी कभी ज़माने से
र: फ़लक़ मिलेगा तुझे क्या$