ढोल बजइयो हम दोनों हैं खोए - The Indic Lyrics Database

ढोल बजइयो हम दोनों हैं खोए

गीतकार - फ़ैज़ अनवरी | गायक - उदित नारायण, आशा भोंसले | संगीत - मिलिंद सागर | फ़िल्म - ख्वाहिश | वर्ष - 2003

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को : ढोल बजैयो भंग चढ़ैयो धूम मचैयो रे
नाच नचैयो शोर मचैयो नैन मिलैयो रे
हे हे हे हे होय होय हुर्र हुर्रउ : हम दोनों हैं खोए
आ : हो
ना जागे हैं ना सोए
उ : हम दोनों हैं खोए ना जागे हैं ना सोए
के अब होश हमको नहीं
आ : अरे अरे अरे अरे
मुझको तुम सम्भालो सीने से लगा लो
के हम खो ना जाएँ कहीं
उ : तुझे बाँहों में भरूँ
आ : ऊ हूँ
उ : मैं आज वो करूँ
आ : आ हां
उ : तुझे बाँहों में भरूँ आज वो करूँ
मैने आज तक जो ना कियाआ : अरे हम दोनों हैं खोए ना जागे हैं ना सोए
के अब होश हमको नहीं
उ : अरे मुझको तुम सम्भालो हाँ सीने से लगा लो
के हम खो ना जाएँ कहींअम्बर क्यों हिलता है धरती क्यूँ घूमे है
आ : अपने संग हर कोई मस्ती में झूमे है
उ : कितना मज़ा आ रहा है
हे अम्बर क्यों हिलता है धरती क्यूँ घूमे है
आ : अपने संग हर कोई मस्ती में झूमे है
कितना मज़ा आ रहा है
उ : आजा मिटा दें सभी दूरियाँ
आ : कुछ देर ठहरो हैं मजबूरियाँ
उ : आओ चलें घर के अब हो चुकी है शामआ : हम दोनों हैं खोए ना जागे हैं ना सोए
उ : के अब होश हमको नहीं
आ : हु हा मुझको तुम सम्भालो ँ सीने से लगा लो
के हम खो ना जाएँ कहीं
उ : तुझे बाँहों में भरूँ
आ : ऊ हूँ
उ : मैं आज वो करूँ
आ : आ हां
उ : तुझे बाँहों में भरूँ आज वो करूँ
मैने आज तक जो ना कियाआ : कब तक यूँ भटकें हम रस्ता है अन्जाना
उ : ऐसे में मुश्क़िल है मंज़िल का मिल पाना
आ : रस्ते में बैठो ना यूँ
कब तक यूँ भटकें हम रस्ता है अन्जाना
उ : ऐसे में मुश्क़िल है मंज़िल का मिल पाना
रस्ते में बैठो ना यूँ
आ : अरे अरे हम आ गए हैं ना जाने किधर
उ : हे हे ये सोचो पहुँचेंगे अब कैसे घर
आ : ये सोचना अब तुम्हारा मेरी जाँ है कामउ : हम दोनों हैं खोए
आ : हा
उ : आ जागे हैं ना सोए
आ : हा
उ : के अब होश हमको नहीं
आ : अरे रे रे
मुझको तुम सम्भालो सीने से लगा लो
के हम खो ना जाएँ कहीं
उ : तुझे बाँहों में भरूँ
आ : अ हा
उ : मैं आज वो करूँ
आ : ना ना
उ : ( तुझे बाँहों में भरूँ आज वो करूँ
मैने आज तक जो ना किया ) -२
आ : तुझे बाँहों में भरूँ आज वो करूँ
मैने आज तक जो ना किया