गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - ए आर रहमान | फ़िल्म - ज़ुबैदा | वर्ष - 2000
View in Romanहू हू हू हू हू हू हू हू हू हू -२
हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हादूर कहीं इक आम की बगियाबगिया में है ठण्डी छाँवछाँव में इक कच्चा रस्तारस्ते में प्यारा सा गाँवगाँव में इक छोटा सा घरघर में इक उजला सा आँगनआँगन में चंदन का पलनापलने में चंदा सा मुन्नामुन्ने की आँखों में निंदियानीले-नीले आस्मान में तारों का है एक नगरजगमग-जगमग इक तारे पर इक शहज़ादी का है घरचुपके-चुपके रात को उठ के ध्यान से देखे कोई अगरझिलमिल-झिलमिल है तारे में उस शहज़ादी के जेवरशहज़ादी इठलाये शहज़ादी ये गायेआधी रात जब हो जाती है जब दुनिया सो जाती हैतारों से शहज़ादी उतर के मुन्ने के घर आती हैमीठे-मीठे सारे सपने अपने साथ वो लाती हैसोते मुन्ने की पलकों पे ये सपने वो सजाती हैसिरहाने वो आये हौले से वो गाये