तेरा जहाँ आबाद है मेरा जहाँ बरबाद हैं - The Indic Lyrics Database

तेरा जहाँ आबाद है मेरा जहाँ बरबाद हैं

गीतकार - ज़िया सरहदी | गायक - सुरेंद्र नाथ | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - एलान | वर्ष - 1947

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तेरा जहाँ आबाद है
मेरा जहाँ बरबाद है
फ़रियाद है फ़रियाद है
ऐ आसमाँ फ़रियाद है
तेरा जहाँ आबाद है
मेरा जहाँ बरबाद हैतू ख़ुश के तेरे बाग़ के
सब फूल आख़िर खिल गये
जिन की तमन्ना थी तुझे
आख़िर वो तुझको मिल गये
मेरे मुक़द्दर में फ़क़त
ग़म और किसी की याद हैतेरा जहाँ आबाद है
मेरा जहाँ बरबाद हैतू ख़ुश के तेरे हाथ में
उम्मीद का जाम आ गया
मेरी मुहब्बत के लिये
रोने का पैग़ाम आ गयाहैरत ना कर ऐ बेख़बर
दुनिया है एक जादू का घर
दो दिल हैं एक घर में मगर
एक शाद एक नाशाद हैफ़रियाद है फ़रियाद है
ऐ आसमाँ फ़रियाद है
तेरा जहाँ