गोरी चलो ना हंस की चाल जमाना दुश्मन है - The Indic Lyrics Database

गोरी चलो ना हंस की चाल जमाना दुश्मन है

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, आशा भोंसले | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - बेटी बेटे | वर्ष - 1964

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र : गोरी चलो न हंस की चाल ज़माना दुश्मन है
तेरी उमर है सोलह साल ज़माना दुश्मन है
आ : कुछ परवाह नहीं सरकार ज़माना दुश्मन हो
मुझे तुमसे हुआ है प्यार ज़माना दुश्मन होर : ओ चाँद सी उजली हसीना तुम छोड़ दो आना-जाना
रोकेगा तुम्हारी राहें हम जैसा कोई दीवाना
आ : कोई लाख लगाए पहरे मैं पहरे तोड़ के आऊँ
हूँ तेरे मिलन की प्यासी मैं दुनिया छोड़ के आऊँर : ये इश्क़ है आग का दरिया तुम सोच-समझ के उतरना
हैं इसमें हज़ारों तूफ़ाँ आसान नहीं है गुज़रना
आ : जब प्यार का बंधन बाँधा फिर आग हो या हो पानी
डर जाए वो कैसी उल्फ़त जल जाए वो कैसी जवानी
र : गोरी चलो न ...