हाथ सीन पे जो रख दो तो क़रार आ जाए - The Indic Lyrics Database

हाथ सीन पे जो रख दो तो क़रार आ जाए

गीतकार - अजीज कश्मीरी | गायक - नूरजहां, जी.एम. दुर्रानी | संगीत - हुस्नलाल-भगतराम, पं अमरनाथ | फ़िल्म - मिर्जा साहिबानी | वर्ष - 1947

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ग: हाथ सीने पे जो रख दो तो क़रार आ जाए -२
दिल के उजड़े हुए गुल्शन में बहार आ जाए -२न: दिल तो कहता है कि आँखों में छुपा लूँ तुझको -२
डर यही है कि मुक़द्दर को नकार आ जाए -२
ग: हाथ सीने पे जो रख दो तो क़रार आ जाएग: दिल के ज़ख्मों पे मेरे प्यार का मर्हम रख दो -२
बेक़रारी तो मुझे कुछ तो क़रार आ जाए -२
हाथ सीने पे जो रख दो तो क़रार आ जाएन: यूँ ख़ुदा के लिए छीनो न मेरे होश-ओ-हवास -२
ऐसी नज़रों से न देखो कि ख़ुमार आ जाए
ग: हाथ सीने पे जो रख दो तो क़रार आ जाएग: छोड़ के तुम भी चले जाओगी क़िस्मत की तरह -२
बाद-अज़ाने तो अजल ही को न प्यार आ जाए -२हाथ सीने पे जो रख दो तो क़रार आ जाए
दिल के उजड़े हुए गुल्शन में बहार आ जाए