एक दो तीन चार - The Indic Lyrics Database

एक दो तीन चार

गीतकार - शकील | गायक - शमशाद, सहगान | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - जादू | वर्ष - 1951

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एक दो तीन, आजा मौसम है रंगीन
आजा, एक दो तीन, आजा मौसम है रंगीन

रात को छुप-छुपके मिलना दुनिया समझे पाप रे
को: पाप रे!
श: एक दो तीन, आजा मौसम है रंगीन
आजा, एक दो तीन, आजा मौसम है रंगीन

सम्हलके खिड़की खोल बलमवा देखे तेरा बाप रे!
को: बाप रे!
श: एक दो तीन, आजा मौसम है रंगीन
आजा, एक दो तीन, आजा मौसम है रंगीन

ये मदमस्त जवानी है-2
तेरे लिये ये दिवानी है
डूब के इस गहराई में-2
देख के कितना पानी है
एक दो तीन, आजा मौसम है रंगीन
आजा, एक दो तीन, आजा मौसम है रंगीन

क्यूँ तू मुझे ठुकराता है-2
मुझसे नज़र क्यूँ चुराता है
लूट ये दुनिया तेरी है-2
प्यार से क्यूँ घबराता है
एक दो तीन, आजा मौसम है रंगीन
आजा, एक दो तीन, आजा मौसम है रंगीन$