काली घटें हैं ठंडी हवाएं हैं - The Indic Lyrics Database

काली घटें हैं ठंडी हवाएं हैं

गीतकार - ईश्वर चंद्र कपूर | गायक - मुकेश | संगीत - प्रेमनाथ | फ़िल्म - चांद सितारे | वर्ष - 1948

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काली घटाएँ हैं ठण्डी हवाएँ हैं ( मस्त फ़िज़ाएँ हैं ) -२
हो
लब पे सदाएँ हैं अदाएँ हैं लब पे सदाएँमैं भी जवान हूँ तू भी जवान है
पहलू में अपने हाय दिल ही कहाँ है
खुली हुई बाँहें हैं नीची निगाहें हैं
काली घटाएँ हैं ...हुस्न-ओ-जवानी तुझे रह-रह के बुलाएँ
वादे निभाने की क़समें उठाएँ
कैसी अदाएँ हैं ये तो ( जफ़ाएँ हैं ) -२
काली घटाएँ हैं ...