लो शुरु हुई इस बार - The Indic Lyrics Database

लो शुरु हुई इस बार

गीतकार - पंडित भूषण | गायक - असित बरन, बेला मुखर्जी | संगीत - NA | फ़िल्म - काशीनाथ | वर्ष - 1943

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हमें क्या पता था

हमें क्या पता था

कि दिल की कली को मसल देंगे वो

हमें क्या पता था

कि राहत को ग़म में बदल देंगे वो

मुहब्बत के वादे और झूठी खा क़समें

किसी और के होके चल देंगे वो

मार कटारी मर जाना

मार कटारी मर जाना

रे अँखियाँ किसी से मिलाना ना

हो मिलाना ना

खा के ज़हर मर जाना

रे मन में किसी को बसाना ना

हो बसाना ना

हाय दुनिया की कोई भी चीज़ अब भाती नहीं

चैन अब आता नहीं है नींद अब आती नहीं

जिनको आना था न आये जाने वाले जा चुके

हाय ऽ

दिल को जाना था गया पर जान क्यों जाती नहीं

पीछे पड़े है पछताना

पीछे पड़े है पछताना

तू अपना किसी को बनाना ना

हो बनाना ना

मार कटारी मर जाना

क्यों इन आँखों ने उनका अब तक इंतज़ार किया

क्यों इस भोले दिल ने उन पर बारबार ऐतबार किया

जो यही मोहबत का बदला मुझको मिलने वाला था

हाय ऽ

क्यों दुनिया के ताने सहके मैंने उनसे प्यार किया

सुनके हँसेगा ज़माना

सुनके हँसेगा ज़माना

दुख अपना किसी को सुनाना ना

हो सुनाना ना

मार कटारी मर जाना