काबुल की मैं नार हुस्न की तुउ गुलानारी - The Indic Lyrics Database

काबुल की मैं नार हुस्न की तुउ गुलानारी

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - गीता दत्त, किशोर कुमार | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - करोड़पति | वर्ष - 1961

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गी: काबुल की मैं नार, मेरी आँखें रसीली कटार -२
ज़रा आँख से आँख मिला ले पिया मौसम मज़ेदार
ज़रा आँख से आँख मिला ले वल्लाह हो वल्लाह हो वल्लाह
मौसम मज़ेदार
कि: हे हे हे हे ही ब्र्र्र्र्र्र्र
हुस्न की तू गुलनार यहाँ आशिक़ तेरे हज़ार -२
पर आया है बड़ी दूर से ये प्यार का बीमार
वइ आया है बड़ी दूर से या ख़ुश हो या ख़ुश हो या ख़ुश
प्यार का बीमारहै-है
है-है है-है हे ही हीगी: ( पिला दे निगाहों के जाम, और ले ले ये दिल का बदाम
कि: इन होंठों पे सुबह शाम, रहता है तेरा ही नाम ) -२
गी: कहती है मस्त बहार, मेरी उलझी लट को सँवार -२
मोहे प्यार के रंग में रंग दे पिया मौसम मज़ेदार
मोहे प्यार के रंग में रंग वल्लाह
कि: है
गी: हो वल्लाह
कि: है
गी: हो वल्लाह मौसम मज़ेदार
कि: है है है हुस्न की तू गुलनार यहाँ आशिक़ तेरे हज़ार
पर आया है बड़ी दूर से ये प्यार का बीमार
वइ आया है बड़ी दूर से या ख़ुश हो या ख़ुश हो या ख़ुश
प्यार का बीमारगी: ( भूरे रंगीले नवाब मेरा है कैसा शबाब
कि: अरे कहता है दिल का रबाब दुनिया बड़ी है ख़राब ) -२
गी: रूप के लोभी हज़ार वल्लाह कैसे करूँ ऐतबार
गी: रोओप के लोभी हज़ार
कि: है-है-है
गी: वल्लाह कैसे
कि: है-है-है
गी: करूँ ऐतबार
कि: है-है-है
गी: मुझे अपने दिल में
कि: है
गी: छुपा
कि: है
गोओ: ले पिया मौसम
कि: है
गी: मज़ेदार
मुझे अपने दिल में छुपा ले वल्लाह ओ वल्लाह ओ वल्लाह
मौसम मज़ेदार
कि: हुस्न की तू गुलनार यहाँ आशिक़ तेरे हज़ार -२
पर आया है बड़ी दूर से ये प्यार का बीमार
वइ आया है बड़ी दूर से या ख़ुश हो या ख़ुश हो या ख़ुश
प्यार का बीमार