बड़ा बेदर्द जहाँ है यहाँ इन्साफ़ कहाँ है - The Indic Lyrics Database

बड़ा बेदर्द जहाँ है यहाँ इन्साफ़ कहाँ है

गीतकार - प्रेम धवन | गायक - लता | संगीत - रवि | फ़िल्म - चिराग कहां रोशनी कहानी | वर्ष - 1959

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बड़ा बेदर्द जहाँ है यहाँ इन्साफ़ कहाँ है
मुझे ओ दुनिया वाले वापस बुला ले
बड़ा बेदर्द जहाँ ...

आग लगे संसार को अन्धा जिसका न्याय
यहाँ तो माँ की मामता धन से तौली जाय
बड़ा बेदर्द जहाँ ...

ये कैसा जग है विधाता प्यार माँ का ठुकराता
माँ हो कर मैं माँ नहीं फूट गए मेरे भाग
ले गए ज़ालिम छीन के घर का मेरे चिराग़-2
बड़ा बेदर्द जहाँ ...

तुम बिन मेरे लाडले सूना मेरा जहाँ
किसे सुनाऊँ लोरियां कौन कहे मुझे मां-2
कोई मेरा दर्द न जाने किसे जाऊँ समझाने
मुझे ओ दुनिया वाले ...$