बेकस की तबाही के सामान हजारों हैं - The Indic Lyrics Database

बेकस की तबाही के सामान हजारों हैं

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - आशा भोंसले | संगीत - ओपी नैय्यर | फ़िल्म - सोने की चिड़िया | वर्ष - 1958

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बेकस की तबाही के सामान हज़ारों हैं
दीपक तो अकेला है, तूफ़ान हज़ारों हैंलाचार किया हमको लाचार किया हमको (?)
दुख दर्द जलन आँसू, क्या क्या ना दिया हमको
भगवान तेरे हमपर एहसान हज़ारों हैं
दीपक तो अकेला है, तूफ़ान हज़ारों हैंसूरत से तो इन्सां हैं दुश्मन हैं मुहब्बत के
सब चोर हैं डाकू हैं माँ-बहनों की इज़्ज़त के
कहने को ज़माने में इन्सान हज़ारों हैं
दीपक तो अकेला है, तूफ़ान हज़ारों हैंहमदर्द नहीं मिलता फिर आए जहाँ भर में
मोती की तरह प्यासे रोते हैं समन्दर में
अपना ही नहीं कोई अंजान हज़ारों हैं
दीपक तो अकेला है, तूफ़ान हज़ारों हैं