पद गे झुले सावन रुत आई रे - The Indic Lyrics Database

पद गे झुले सावन रुत आई रे

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - लता मंगेशकर, सहगान, आशा भोंसले | संगीत - रोशन | फ़िल्म - बहू बेगम | वर्ष - 1967

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( पड़ गये झूले सावन रुत आई रे
पड़ गये झूले )-२
सीने में हूक उठे अल्लाह दुहाई रे
पड़ गये झूले सावन रुत आई रे
पड़ गये झूलेचंचल झोंकें मुँह को चूमें
बूँदें तन से खेले -२
पेंग बढ़ें तो झुकते बादल
पाँव का चुम्बन ले लें
पाँव का चुम्बन ले लें
पेंग बढ़ें तो झुकते बादल
पाँव का चुम्बन ले लें
हमको न भाये सखी ऐसी ढिटाई रे
पड़ गये झूले सावन रुत आई रे
पड़ गये झूलेगीतों का ये अल्लहड़ मौसम
झूलों का ये मेला -२
ऐसी रुत में हमें झुलाने
आये कोई अलबेले
आये कोई अलबेले
ऐसी रुत में हमें झुलाने
आये कोई अलबेले
थामे तो छोड़े नहीं नाज़ुक कलाई रेपड़ गये झूले सावन रुत आई रे
पड़ गये झूले