जा के हम अब तो ना तो दर्द गया - The Indic Lyrics Database

जा के हम अब तो ना तो दर्द गया

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - चित्रगुप्त | फ़िल्म - काली टोपी लाल रुमाल | वर्ष - 1959

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जा के हम अब तो हर एक सदा करते हैं
जिनकी तक़दीर बिगड़ जाती है क्या करते हैं( न तो दर्द गया न दवा ही मिली
मैंने ढूँढ के देखा ज़माना ) -२( पहुँचे जहाँ भी हम तो लौट आये हार के
ए दिल पुकार देखा एक ऐतबार पे ) -२
सबसे कहा तेरा दर्द मगर
न तो दर्द गया न दवा ही मिली
मैंने ढूँढ के देखा ज़माना( मंदिर मस्जिद में जा के की है फ़रियाद भी
मिलता जवाब तो क्या आई ना आवाज़ भी ) -२
माँगी दुआ मैंने लाख मगर
न तो दर्द गया न दवा ही मिली
मैंने ढूँढ के देखा ज़माना( ऐसा ये ग़म ही नहीं कोई पहचान ले
ऐसा वो कौन है जो दुख मेरा जान ले ) -२
छानी गली छाना सारा नगर
न तो दर्द गया न दवा ही मिली
मैंने ढूँढ के देखा ज़माना
हाय न तो दर्द गया न दवा ही मिली
मैंने ढूँढ के देखा ज़माना