अश्क़ों की कहानी क्या कहिये - The Indic Lyrics Database

अश्क़ों की कहानी क्या कहिये

गीतकार - खुमार बाराबंकवी | गायक - लता | संगीत - रोशन | फ़िल्म - दो रोटी | वर्ष - 1957

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अश्क़ों की कहानी क्या कहिये
आहों का फ़साना क्या कहिये
हँस-हँस के रुलाते है कैसे
बेदर्द ज़माना क्या कहिये
अश्क़ों की कहानी क्या कहिये

जब चाँदनी रातें होती थीं
जब प्यार की बातें होती थीं-2
अब तक जो बसा है आँखों में-2
वो ख़ाब सुहाना क्या कहिये
अश्क़ों की कहानी क्या कहिये

जीवन के चमन तक आते ही
रंगीन बहारें लौट गईं-2
हो रूठी हुई क़िस्मत का हाय-2
भरपूर निशाना क्या कहिये
अश्क़ों की कहानी क्या कहिये

माना कि सितमगर दुनिया है
सुनने के लिये बेताब मगर-2
जब वो नहीं सुनने वालों में-2
फिर अपना फ़साना क्या कहिये

अश्क़ों की कहानी क्या कहिये
आहों का फ़साना क्या कहिये
हँस-हँस के रुलाते है कैसे
बेदर्द ज़माना क्या कहिये
अश्क़ों की कहानी क्या कहिये$