ऋतु आई सुहानी प्रेम के सपने जागे - The Indic Lyrics Database

ऋतु आई सुहानी प्रेम के सपने जागे

गीतकार - ए करीम | गायक - चित्रगुप्त, राजकुमारी | संगीत - चित्रगुप्त | फ़िल्म - लेडी रॉबिनहुड | वर्ष - 1946

View in Roman

रितु आई सुहानी प्रेम के सपने जागे
अन्धियारे मन में आशा-किरन
मोरे नैना देखन लागेथी ये जीवन-कहानी अधूरी
तुम मिले हो गई आज पूरी
सुख से तन-मन नाच रहा है
बिपदा के दिन भागे
रितु आई सुहानी ...ये तिरछी निगाहों की घातें
हमसे छिप-छिप के करती हैं बातें
एक ही चाहत है दिल की
तुमसे तुम्हीं को माँगे
रितु आई सुहानी ...