हम अपने दिल का फसाना उन्हें सुना ना सेके - The Indic Lyrics Database

हम अपने दिल का फसाना उन्हें सुना ना सेके

गीतकार - नक्षबी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - श्यामसुंदर | फ़िल्म - एक्ट्रेस | वर्ष - 1948

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हम अपने दिल का फ़साना
उन्हें सुना न सके
लगी है आग़ जो -२
दिल में उसे बुझा न सके
हम अपने दिल का फ़साना
उन्हें सुना न सके( तेरी तलाश में दर-दर की
ठोकरें खाईं ) -२
मेरी वफ़ा के क़दम फिर भी
डगमगा न सकेलगी है आग़ जो -२
दिल में उसे बुझा न सके
हम अपने दिल का फ़साना
उन्हें सुना न सके( ज़रा तो सोच के उस दिल का
हाल क्या होगा
हाल क्या होगा ) -२
जो दूर रह न सके
तेरे पास आ न सकेलगी है आग़ जो -२
दिल में उसे बुझा न सके
हम अपने दिल का फ़साना
उन्हें सुना न सकेहम उनको याद न करते
पे दिल का क्या कीजे -२
हज़ार भूलना चाहा
मगर भुला न सकेलगी है आग़ जो -२
दिल में उसे बुझा न सके
हम अपने दिल का फ़साना
उन्हें सुना न सके