अपाना जिन्हें बनाया ठुकरा के वो सिद्धारे - The Indic Lyrics Database

अपाना जिन्हें बनाया ठुकरा के वो सिद्धारे

गीतकार - खुमार बाराबंकवी | गायक - सुरैया | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - नाटक | वर्ष - 1947

View in Roman

अपना जिन्हें बनाया
ठुकरा के वो सिधारे -३
टूटें न इस तरह से
दुश्मन के भी सहारे -३दिल की हर एक धड़कन फ़रियाद हो गई है
आबाद थी जो दुनिया बरबाद हो गई है
दर-दर भटक रहे हैं
हम रंज-ओ-ग़म के मारे -३आँखें कहाँ से लायें ये देखने को हाय
कोई किसी को खोये कोई किसी को पाये
हँस कर कोई गुज़ारे
रो कर कोई गुज़ारे -३बिगड़े न यूँ मुक़द्दर बदले न यूँ ज़माना
अपने लिये क़फ़स है अपना ही आशियाना
हैं आज वो पराये
कल तक जो थे हमारे -३