हाय तौबा-तौबा ये जवानी ये - The Indic Lyrics Database

हाय तौबा-तौबा ये जवानी ये

गीतकार - कैफ़ी आज़मी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, बलबीर | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - हंसते ज़ख्मी | वर्ष - 1970

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र : हाय तौबा-तौबा ये जवानी ये जवानी का ग़ुरूर
इश्क़ के सामने सर फिर भी झुकाना ही पड़ा
कैसे कहते थे ना आएँगे ना आएँगे मगर
दिल ने इस तरह पुकारा तुम्हें आना ही पड़ा

ये माना मेरी जाँ मोहब्बत सज़ा है-२
मज़ा इसमें इतना मगर किसलिए है-२
वो इक बेक़रारी जो अब तक इधर थी
वो ही बेक़रारी उधर किसलिए है
को : अभी तक तो इधर थी उधर किसलिए है-२
र : हाँ ये माना मेरी जाँ ...

बहलना न जाने बदलना न जाने
तमन्ना मचल के स.म्भलना न जाने-२
को : बहलना न जाने बदलना न जाने
ब : हाय तमन्ना मचल के स.म्भलना न जाने
को : हो हो बहलना न जाने बदलना न जाने
ब : तमन्ना मचल के स.म्भलना न जाने
को : हाँ तमन्ना मचल के स.म्भलना न जाने
र : क़रीब और आओ क़दम तो बढ़ाओ
झुका दूँ न सर तो ये सर किसलिए है-२
र : हाँ ये माना मेरी जाँ ...

नज़ारे भी देखे इशारे भी देखे
कई ख़ूबसूरत सहारे भी देखे-२
को : नज़ारे भी देखे इशारे भी देखे
कई ख़ूबसूरत
ब : हाँ सहारे भी देखे
र : नाम क्या चीज़ है इज़्ज़त क्या है
सोने चाँदी की हक़ीक़त क्या है
लाख बहलाए कोई दौलत से
प्यार के सामने दौलत क्या है
को : हो हो नज़ारे भी देखे इशारे भी देखे
ब : हाय कई ख़ूबसूरत सहारे भी देखे-२
को : कई ख़ूबसूरत सहारे भी देखे
र : जो मैख़ाने जा कर मैं सागर उठाऊँ
तो फिर ये नशीली नज़र किसलिए है-२
र : हाँ ये माना मेरी जाँ ...

तुम्हीं ने सँवारा तुम्हीं ने सजाया
मेरे सूने दिल को तुम्हीं ने बसाया-२
को : तुम्हीं ने सँवारा तुम्हीं ने सजाया
मेरे सूने दिल को तुम्हीं ने बसाया-२
र : जिस चमन से भी तुम गुज़र जाओ
हर कली पर निखार आ जाए
रूठ जाओ तो रूठ जाए ख़ुदा
और जो हँस दो तो बहार आ जाए
को : हो हो तुम्हीं ने सँवारा तुम्हीं ने सजाया
ब : हाय मेरे सूने दिल को तुम्हीं ने बसाया
को : मेरे सूने दिल को तुम्हीं ने बसाया
र : तुम्हारे ही दम से है घर में उजाला
अगर तुम नहीं तो ये घर किसलिए है-२
र : हाँ ये माना मेरी जाँ ...