चंदनिया नदिया बीच नहाये - The Indic Lyrics Database

चंदनिया नदिया बीच नहाये

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - हेमंत कुमार | संगीत - हेमंत कुमार | फ़िल्म - अंजान | वर्ष - 1956

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चन्दनिया नदिया बीच नहाये ओ शीतल जल में आग लगाये
के चन्दा देख देख मुस्काये हो रामा हो रामा होपूछ रही है लहर लहर कौन है ये मतवाली
पूछ रही है लहर लहर कौन है ये मतवाली
तन की गोरी चंचल छोरी गेन्दे की एक दाली
ओओओ~~~ओओ~~~ओ~~
रूप की चढ़ती धूप सुनहर रंग आज बरसाये
हो रामा हो रामा होचन्दनिया नदिया बीच नहाये ओ शीतल जल में आग लगाये
के चन्दा देख देख मुस्काये हो रामा हो रामा होपरबत परबत घूम के आयी ये अलबेली धारा
परबत परबत घूम के आयी ये अलबेली धारा
क्या जाने किस आसमान से टूटा है ये तारा
ओओओ~~~ओओ~~~ओ~~
शोला बनके फूल कंवल का जल में बहता जाये
हो रामा हो रामा होचन्दनिया नदिया बीच नहाये ओ शीतल जल में आग लगाये
के चन्दा देख देख मुस्काये हो रामा हो रामा हो