कैसे बारिश कटी मोरी आली - The Indic Lyrics Database

कैसे बारिश कटी मोरी आली

गीतकार - कन्हैयालाल चतुर्वेदी | गायक - ज्योति, वहीदान बाई | संगीत - अशोक घोष | फ़िल्म - | वर्ष - 1940

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व: कैसे रैन कटी, मोरी आली
सच सच मुझे बताओ
फूल की बात छुपे न छुपाए
कह दो, मत शरमाओज्यो: भाभी?
व: रानी?
ज्यो: छोड़ो मुझे न सताओ
व: छोड़ूँगी मैं तभी सखी जब
रात की बात सुनाओ
ज्यो: कहूँ?
व: कहोज्योति:
जैसे कि चाँदनी छिटक रही थी
(तारा गण)??? इठलाते
मैं जाग रही थी, सो भी रही थी
चुपके चुपके वो आते थेपवन था चलता मन्द मन्द
थर-थर करता था अंग अंग
कैसे कहूँ, अब कैसे कहूँव: फिर?
ज्यो: वो छेड़ छेड़ मुसकाते थेवहीदन:
ओ बड़भागिन सदा सुहागिन
नित नित ये सुख पाओ
ओ बड़भागिन सदा सुहागिन
नित नित ये सुख पाओ