घर जायेगी तर जायेगी डोलियां चढ़ जायगी - The Indic Lyrics Database

घर जायेगी तर जायेगी डोलियां चढ़ जायगी

गीतकार - गुलजार | गायक - आशा भोंसले | संगीत - आर डी बर्मन | फ़िल्म - खुशबू | वर्ष - 1975

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घर जायेगी तर जायेगी हो डोलियां चढ़ जायेगी
हो ओ ओ ओ मेहेंदी लगायके रे काजल सजायके रे
दुल्हनिया मर जायेगी
ओ ओ ओ ओ दुल्हनिया मर जायेगीधीरे धीरे लेके चलना आंगन से निकलना
कोई देखे ना दुल्हन को गली में
हो अँखियां झुकाये हुए घुंघटा गिराये हुए
मुखड़ा छुपाये हुए चली मैं
जायेगी घर जायेगी तर जायेगी
हो घर जायेगी ...मेहंदी मेहंदी खेली थी मैं तेरी ही सहेली थी मैं
तूने तो सुमन को चुना था
हो तूने मेरा नाम कभी आँखों से बुलाया नहीं
मैंने जाने कैसे सुना था
जायेगी घर जायेगी ला ला ला
हो घर जायेगी ...