तेरी प्रीत समज ना आये - The Indic Lyrics Database

तेरी प्रीत समज ना आये

गीतकार - भरत व्यास | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - आर सी बोराल | फ़िल्म - श्री चैतन्य महाप्रभु | वर्ष - 1953

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(तेरी प्रीत समझ ना आये)-३
निर्मोही ओ मनमोहन तेरी प्रीत समझ ना आये
औरों को अपनाके तूने, अपने किये पराये
(तेरी प्रीत समझ ना आये)-२तुम्हरे दरस की स्नेह सुधा को मन का छतक तरसे
इक बर्से सावन की बदरिया,
इक मोरी अखियां बरसे, बरसे, इक मोरी अखियां बरसे
तुम तो श्याम नहीं घर आये
बादल घिर घिर आये
(तेरी प्रीत समझ ना आये)-२कब से खड़ी तेरी बाट निहारूँ
पथ में नैं बिचाये
बीत रही मेरी पूजन की बेला
फूल मेरे कुम्हलाये, मोहन, फूल मेरे कुम्हलाये
काँप रही है जीवन ज्योति
दीपक बुझ बुझ जाये
(तेरी प्रीत समझ ना आये)-२
निर्मोही ओ मनमोहन तेरी प्रीत समझ ना आये
तेरी प्रीत समझ ना आये