एक दिन लाहोर की ठण्डी सड़क - The Indic Lyrics Database

एक दिन लाहोर की ठण्डी सड़क

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - शमशाद, रफ़ी, चीतलकर, सहगान | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - सगाई | वर्ष - 1951

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एक दिन लाहोर की ठण्डी सड़क पर शाम को
जा रहे थे साइकल पर हम ज़रूरी काम को
र: अजी सामने से आ रही थीं बुलबुलों की टोलियाँ
रोक कर साइकल लगे हम सुनने मीठी बोलियाँ

उठ तेरी
र: बिगड़ गई बनते-बनते बात
चि: हुई वो जूतों की बरसात
तबीयत साफ़ हो गयी, साफ़
को: तबीयत साफ़ हो गयी, साफ़ हो गयी, साफ़ हो गयी, साफ़
तबीयत साफ़ हो गयी, साफ़ हो गयी, साफ़

बिगड़ गई बनते-बनते बात
हुई वो जूतों की बरसात
तबीयत साफ़ हो गयी, साफ़

गी: चले थे करने कारोबार
सड़क पर कर बैठे क्यों प्यार
र: हो गया पल भर में ये हाल
को: के उड़ गये सर के सारे बाल-2
तबीयत साफ़ हो गयी, साफ़
तबीयत साफ़ हो गयी, साफ़ हो गयी, साफ़ हो गयी, साफ़
तबीयत साफ़ हो गयी, साफ़ हो गयी, साफ़
बिगड़ गई बनते-बनते बात
हुई वो जूतों की बरसात
तबीयत साफ़ हो गयी, साफ़

चि: मिला ये उलफ़त का ईनाम-2
र: हो गये घर-घर में बदनाम-2
गी: गये थे बन के ये गुलफ़ाम
वापिस आये घुटना थाम
ये वापिस आये घुटना थाम
को: तबीयत साफ़ हो गयी, साफ़
तबीयत साफ़ हो गयी, साफ़ हो गयी, साफ़ हो गयी, साफ़
तबीयत साफ़ हो गयी, साफ़ हो गयी, साफ़
बिगड़ गई बनते-बनते बात
हुई वो जूतों की बरसात
तबीयत साफ़ हो गयी, साफ़

गी: कहूँ मैं एक पते की बात-2
ये ज़ालिम दिल है बड़ा बदज़ात-2
चि: इसी दिल की थी करतूत
को: इसी ने पड़वाये हैं जूत-2
तबीयत साफ़ हो गयी, साफ़
तबीयत साफ़ हो गयी, साफ़ हो गयी, साफ़ हो गयी, साफ़
तबीयत साफ़ हो गयी, साफ़ हो गयी, साफ़
बिगड़ गई बनते-बनते बात
हुई वो जूतों की बरसात
तबीयत साफ़ हो गयी, साफ़$