पल भर हि की पहाचन में परदेसी सनम से - The Indic Lyrics Database

पल भर हि की पहाचन में परदेसी सनम से

गीतकार - इन्दीवर | गायक - मुकेश | संगीत - मुकेश | फ़िल्म - अनुराग | वर्ष - 1956

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पल भर ही की पहचान में परदेसी सनम से
लगता है कि हम जानते हों जनम जनम सेनिगाहें चौंकी दिल किसी दूसरी दुनिया में खो गया
किसे देखा है कि ज़िंदगी से मुझे प्यार हो गया
किस ने महका दिया है आ के राहों को मेरी
राहों के भाग जाग गये किस के कदम से
लगता है कि ...किसी जीवन में सही तुम से मेरी प्रीत रही
जो प्रीत भूल गये आज लगते हैं नये
अहसान है क़िसमत का मिला आँसु-ए-ग़म से
लगता है कि ...ज़रा शरमाना और मुस्काना है निशानी प्यार की
बिना बोले ही नैन कह देते हैं कहानी प्यार की
जिस ने दिल हार दिया उस ने जग जीत लिया
दिल दे मिला क्या न कहा जायेगा हम से
लगता है कि ...