एक दिल हज़ार ग़म - The Indic Lyrics Database

एक दिल हज़ार ग़म

गीतकार - हसरत | गायक - तलत | संगीत - विनोद | फ़िल्म - आग का दरिया | वर्ष - 1953

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एक दिल हज़ार ग़म
कैसे जी सकेंगे हम

ज़िंदगी बिछड़ गयी
हर खुशी उजड़ गयी
आँख हो चली है नम
कैसे जी सकेंगे हम ...

आसमाँ बदल गया
ज़मीं का तीर चल गया
डस रहे हैं हर सितम
कैसे जी सकेंगे हम ...$