एक दिल दो हैं तलबगार बड़ी मुश्किल है - The Indic Lyrics Database

एक दिल दो हैं तलबगार बड़ी मुश्किल है

गीतकार - खुमार बाराबंकवी | गायक - तलत, सुमन कल्याणपुर | संगीत - नशद | फ़िल्म - दरवाजा | वर्ष - 1954

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एक दिल दो हैं तलबगार बड़ी मुश्किल है
त: कश्मकश में है मेरा प्यार बड़ी मुश्किल है

आऽ
त: ढूँढती हैं तुझे हर सू मेरी प्यासी आँखें
कैसे हो अब तेरा दीदार बड़ी मुश्किल है

आऽ
स: दिल में जो कुछ है ज़बाँ पर नहीं लाया जाता
घुट के दम तोड़ न दे प्यार बड़ी मुश्किल है

आऽ
त: सामने है मेरे अरमानों की मन्ज़िल लेकिन-2
मुफ़्लिसी बन गई दीवार बड़ी मुश्किल है$