गीतकार - गुलशन बावरा | गायक - किशोर कुमार | संगीत - राहुल देव बर्मन | फ़िल्म - सनम तेरी कसम | वर्ष - 1982
View in Romanशीशे के घरों में देखो तो पत्थर दिलवाले बसते हैं
जो प्यार को खेल समझते हैं और तोड़ के दिलको हँसते हैं
कभी जान पे खेल के भी जग में कसमों को निभाया जाता था
जब वादे भुलाने से पहले खुद को ही भुलाया जाता था
अब कसमें कितनी झूठी हैं और वादे कितने सस्ते हैं
अजी प्यार सौदा दिलो का है जो ये व्योपारी क्या जाने
ये प्यार तो अपनी पूजा है दौलत के पुजारी क्या जाने
अपनी हर बात छुपाते हैं दीवानों पे फितरे कसते हैं