इधर से देखो ये लड़की नहीं ये बनारस का पान है - The Indic Lyrics Database

इधर से देखो ये लड़की नहीं ये बनारस का पान है

गीतकार - समीर | गायक - सोनू निगम, बेला सुलाखे | संगीत - आनंद, मिलिंद | फ़िल्म - खुल्लम खुल्ला प्यार करें | वर्ष - 2001

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इधर से देखो उधर से देखो
देखो चाहें जिधर से देखो
कमसिन है शोख है हसीन है जवाअन है
दिल मेरा दिल यारों इसपे कुर्बान है
ये लड़की नहीं ये बनारस का पान हैआशिक़ दीवाना है पागल नादान है
नीयत से लगता मुझे ये बेईमान है
अरे इसको बचा इसकी खतरे में जान है
ये कोई प्रेमी मुझे दिलफेंक लगता है
ना तो दिल से ना शकल से नेक लगता हैइसे होंठों पे अपने सजा कर रखूं
इसे दाँतों तले मैं दबा के रखूं
ये तो जवानी के कत्थे की दुकान है
ये लड़की नहीं ये ...दिल में हाँ होंठों पे ना महबूब होती है
ये हसीनों की अदा भी खूब होती है अरे
अरे मैं चीज़ क्या हूँ ये जाने नहीं
बड़ा ज़िद्दी अनाड़ी है माने नहीं
तेवर से मेरे अभी ये अंजान है
अरे इसको बचा ...