ख़ामोशी खुद अपनी सदा हो - The Indic Lyrics Database

ख़ामोशी खुद अपनी सदा हो

गीतकार - ज़का सिद्दीक़ी | गायक - जगजीत सिंह | संगीत - जगजीत सिंह | फ़िल्म - Nil | वर्ष - Nil

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ख़ामोशी खुद अपनी सदा हो ऐसा भी हो सकता है
सन्नाटा ही गूँज रहा हो ऐसा भी हो सकता है
मेरा माज़ी मुझसे बिछड़कर क्या जाने किस हाल में है
मेरी तरह वो भी तनहा हो ऐसा भी हो सकता है
सहरा सहरा कब तक मैं ढूँढू उल्फ़त का एक आलम
आलम आलम एक सहरा हो ऐसा भी हो सकता है
अहल-ए-तूफ़ां सोच रहे हैं साहिल डूबा जाता है
खुद उनका दिल डूब रहा हो ऐसा भी हो सकता है