जीवन बीन मधुर ना बाजे - The Indic Lyrics Database

जीवन बीन मधुर ना बाजे

गीतकार - आरज़ू लखनवी | गायक - के एल सहगल | संगीत - आर सी बोराल | फ़िल्म - स्ट्रीट सिंगर | वर्ष - 1938

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जीवन बीन मधुर न बाजे झूठे पढ़ गये तार
बिगड़े काठ से काम बने क्या मेघ बजे न मल्हार (२)
पंचम छेड़ो मध्यम बोले खरज बने गन्धार (२)
बीन के झूठे पढ़ गये तार
जीवन बीन मधुर न बाजे झूठे पढ़ गये तार
बीन के झूठे पढ़ गये तारइन तारो को खोलो इन तरभो को फेंको फेंको
उत्तम तार नयी तरभे हो, तब हो नया श्रिंगार
इस तरभे से जो सुर बोले गूंज उठे संसार
बीन के झूठे पढ़ गये तार
जीवन बीन मधुर न बाजे झूठे पढ़ गये तार
बीन के झूठे पढ़ गये तारबजने को है गूंज नगाड़ा होना है सबसे छुटकारा (२)
अपना जो है उसे समझ लो वह भी नहीं हमारा (२)