खामोश सा अफसाना, पानी से लिखा होता - The Indic Lyrics Database

खामोश सा अफसाना, पानी से लिखा होता

गीतकार - गुलजार | गायक - लता - सुरेश वाडकर | संगीत - राहुल देव बर्मन | फ़िल्म - लिबास | वर्ष - 1988

View in Roman

खामोश सा अफ़साना, पानी से लिखा होता
ना तुम ने कहा होता, ना हम ने सुना होता
दिल की बात ना पूछो, दिल तो आता रहेगा
दिल बहकाता रहा है, दिल बहकाता रहेगा
दिल को तुमने कुछ समझाया होता
सहमे से रहते हैं, जब ये दिन ढलता है
एक दिया बुझता है, एक दिया जलता है
तुम ने कोई दीप जलाया होता
कितने साहील ढूँढे, कोई न सामने आया
जब मझधार में डूबे, साहील थामने आया
तुम ने साहील पहले बिछाया होता