दुनिया में नहीं ज़माना सच कहता हैं - The Indic Lyrics Database

दुनिया में नहीं ज़माना सच कहता हैं

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर | संगीत - गुलाम मोहम्मद | फ़िल्म - अंबर | वर्ष - 1952

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ल : दुनिया में -२
दुनिया में नहीं कोई यार वफ़ादार
ज़माना सच कहता है -२
यहाँ करना किसी से प्यार है बेकार
ज़माना सच कहता है -२र : दुख-दर्द का है बाज़ार ये संसार
ज़माना सच कहता है -२
मिलना है यहाँ दुश्वार दिल को करार
ज़माना सच कहता है -२ल : कर गये वो भी हमसे किनारा
जिअन्को बसाया मन में
प्यार की बाज़ी जीत सका है
कोई न इस जीवन में -२
होती है यहाँ हर बार दिल की हार
ज़माना सच कहता है -२र : क़िसमत ने मजबूर बनाकर
छीन लिया सुख हमसे
काया इस क़ैद में आ कर
कौन बचा है ग़म से -२
चलते हैं यहाँ पर वार ग़म के हज़ार
ज़माना सच कहता है -२
ल : दुनिया में नहीं कोई यार वफ़ादार
ज़माना सच कहता है -२