तुझको यूं देखा हैं - The Indic Lyrics Database

तुझको यूं देखा हैं

गीतकार - कैफ़ी आज़मी | गायक - मुकेश | संगीत - जयदेव | फ़िल्म - चंद ग्रहण | वर्ष - 1997

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तुझको यूँ देखा है, यूँ चाहा है, यूँ पूजा है
तू जो पत्थर की भी होती तो ख़ुदा हो जाती
बेख़ता रूठ गई रूठ के दिल तोड़ दिया
क्या सज़ा देती अगर कोई ख़ता हो जतीहाथ फैला दिये इनाम-ए-मोहब्बत के लिये
ये न सोचा की मैं क्या, मेरी मोहब्बत क्या है
रख दिया दिल
रख दिया दिल तेरे क़दमों पे तब आया ये ख़याल
तुझको इस टूटे हुए दिल की ज़रूरत क्या है -२तेरी उल्फ़त के ख़रीदार तो इतने होंगे -२
तेरे गुस्से का तलबगार मिले या ना मिले
लिख दे मेरे ही मुक़द्दर में सज़ायें सारी
फिर कोई मुझसा गुनहगार मिले या ना मिले -२