वो पैकार-ए-बहार थे जिधर से वो गुजर गये - The Indic Lyrics Database

वो पैकार-ए-बहार थे जिधर से वो गुजर गये

गीतकार - संत दर्शन सिंह जी महाराज | गायक - गुलाम अली | संगीत - अल्लाहुद्दीन खान | फ़िल्म - कलाम-ए-मोहब्बत (गैर फिल्म) | वर्ष - 1992

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वो पैकर-ए-बहार थे जिधर से वो गुज़र गये
ख़िज़ाँ-नसीब रास्ते भी सज गये सँवर गयेये बात होश की नहीं ये रंग बेख़ुदी का है
मैं कुछ जवाब दे गया वो कुछ सवाल कर गयेमेरी नज़र का ज़ौक़ भी शरीक़-ए-हुस्न हो गया
वो और भी सँवर गये वो और भी निखर गयेहमें तो शौक़-ए-जुस्तजू में होश ही नहीं रहा
सुना है वो तो बारहा क़रीब से गुज़र गये