खाई है रे हमने कसम संग रहने की - The Indic Lyrics Database

खाई है रे हमने कसम संग रहने की

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - सचिन देव बर्मन | फ़िल्म - तलाश | वर्ष - 1969

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खाई है रे हमने कसम संग रहने की
आएगा रे उड़ के मेरा हंस परदेसी
पहला मिलन मोसे नहीं रे सजन का
रहेगा सदा मिलना धरती गगन का
युग से वो है मेरा, मैं उसकी रे
ऐसे तो नहीं उस के रंग में ढली मैं
पिया अंग लग लग के भई साँवली मैं
मेरे तन पे छाँव है उसीकी रे