पीने पिलाने के सब हैं बहानें - The Indic Lyrics Database

पीने पिलाने के सब हैं बहानें

गीतकार - | गायक - गुलाम अली | संगीत - अशोक के खन्ना | फ़िल्म - अंजुमन (गैर-फिल्म) | वर्ष - 1990

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पीने पिलाने के सब हैं बहाने
कहाँ की मोहब्बत कहाँ के फ़सानेख़ुशी में भी पी है तो ग़म में भी पी है
हैं मस्ती भरे ये मय के पैमानेकिसी ने मुझे मस्त नज़रों से देखा
क़दम ख़ुद-ब-ख़ुद अब लगे लड़खड़ानेसताये न हमको कभी याद-ए-माज़ी
चलो भूल जायें वो गुज़रे ज़मानेचलो अब तो 'गुमनाम' इस मयकदे से
तुम्हें दफ़्न करने हैं सब ग़म पुराने