गीतकार - कैफ इरफानी | गायक - मुकेश | संगीत - मुकेश | फ़िल्म - अनुराग | वर्ष - 1956
View in Romanकोई दिल में है और कोई नज़र में
मुहब्बत के सपने मैं किसपे लुटाऊँ
इसी कश-म-कश में जिए जा रहा हूँ
किसे याद रखूँ किसे भूल जाऊँबचपन के प्यार की मिटती नहीं निशानी
कितना ही मिटाना चाहे इसे जवानी
किसे याद रखूँ ...उधर दिल मोहब्बत में उनको दिया है
इधर फ़र्ज़ का बोझ सर पे लिया है
अरे ज़िन्दगी तूने ये क्या किया है
किसे याद रखूँ ...न बस में है इनको नज़र से गिराना
मेरी बेबसी का इतना फ़साना
किसे याद रखूँ ...