आज हमें मालूम हुआ - The Indic Lyrics Database

आज हमें मालूम हुआ

गीतकार - नवाब आरज़ू | गायक - कविता कृष्णमूर्ती, कुमार सानू | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - आ गले लग जा | वर्ष - 1994

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आज हमें मालुम हुवा
क्या चीज़ मोहब्बत होती है
आज हमें मालुम हुवा
क्या चीज़ मोहब्बत होती है
एक रोज अगर तुम ना मिलो
एक रोज अगर तुम ना मिलो
दीवानो सी हालत होती है
आज हमें मालुम हुवा
क्या चीज़ मोहब्बत होती है
एक रोज अगर तुम ना मिलो
एक रोज अगर तुम ना मिलो
दीवानो सी हालत होती है
आज हमें मालुम हुवा
क्या चीज़ मोहब्बत होती है

हलका हलका दर्द-इ-जिगर है
तुझको पता है मुझको खबर है
देखके सूरत प्यारी प्यारी
भूल गए हम दुनिया सारी
जब दिल यह किसी पे आता है
जब दिल यह किसी पे आता है
मिट जाने की हसरत होती है
आज हमें मालुम हुवा
क्या चीज़ मोहब्बत होती है
आज हमें मालुम हुवा
क्या चीज़ मोहब्बत होती है

तेरे लबों का रंग चुराके
मेहका दूंगा तेरी सांसें
छोडो छोडो मेरा आँचल
शर्म कि मारे झुक गयी आँखें
दिल मेरा रुक रुक जाता है
दिल मेरा रुक रुक जाता है
जब नज़रें इनायत होती है
आज हमें मालुम हुवा
क्या चीज़ मोहब्बत होती है
आज हमें मालुम हुवा
क्या चीज़ मोहब्बत होती है

तेरे बिना मैं जी न सकूंगा
तेरे लिए मैं हर ग़म सहूंगा
मेरी भी हालत कुछ ऐसी है
चैन गया और नींद उड़ी है
धड़कन यह दिल की बढाती है
धड़कन यह दिल की बढाती है
जब पहली शरारत होती है
आज हमें मालुम हुवा
क्या चीज़ मोहब्बत होती है
एक रोज अगर तुम ना मिलो
एक रोज अगर तुम ना मिलो
दीवानो सी हालत होती है
आज हमें मालुम हुवा
क्या चीज़ मोहब्बत होती है
आज हमें मालुम हुवा
क्या चीज़ मोहब्बत होती है.