आंखें टू हुई बंद मगर दर्द जगाये - The Indic Lyrics Database

आंखें टू हुई बंद मगर दर्द जगाये

गीतकार - जी एस नेपाली | गायक - अशोक कुमार | संगीत - हरिप्रसन्ना दास | फ़िल्म - बेगम | वर्ष - 1945

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आँखें तो हुई बन्द मगर, दर्द जगाये
दिल याद में किसीकी ज़रा रोने लगा रे
रोने लगा रे, रोने लगा रे
दिल याद में किसीकी ज़रा रोने लगा रेदिल में दुखा ख़्वाब है, आँखों में अँधेरा
आँखों में अँधेरा
हो गया बरबाद मेरा रैन बसेरा
रैन बसेरा
अब होके जुदा दोनों, लगे हैं जा किनारे
दिल याद में किसीकी ज़रा रोने लगा रेइश्क़ किया हुस्न की तस्वीरें बनाईं -२
छोड़ के तस्वीर एक, बाक़ी मिटाईं -२
अब जी रहा हूँ मैं, इसी तिनके के सहारे
दिल याद में किसी की ज़रा रोने लगा रेमिलने की तमन्ना से मुझे चैन नहीं है
दिन रात मेरी प्रीत उसे ढूँढ रही है
आ जाये कहीं वो, मिल जाये कहीं वो -२
मिल जाये तो रखूँ उसे, पलकों में छुपाये
दिल याद में किसीकी ज़रा रोने लगा रे