तुझको ढूँढ़ूँ तो ढूँढ़ूँ कहाँ - The Indic Lyrics Database

तुझको ढूँढ़ूँ तो ढूँढ़ूँ कहाँ

गीतकार - प्रेम धवन | गायक - लता | संगीत - हंसराज बहल | फ़िल्म - मिलन | वर्ष - 1958

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सारी दुनिया से पूछा, मिला ना निशाँ
चुप रही ये ज़मीं, चुप रहा आसमाँ
तुझको ढूँढ़ूँ तो ढूँढ़ूँ कहाँ
तुझको ढूँढ़ूँ तो ढूँढ़ूँ कहाँ
सारी दुनिया से पूछा, मिला ना निशाँ
चुप रही ये ज़मीं, चुप रहा आसमाँ
तुझको ढूँढ़ूँ तो ढूँढ़ूँ कहाँ, हाय
तुझको ढूँढ़ूँ तो ढूँड़ूँ कहाँ
जबसे तुम दूर हो, दूर है ज़िन्दगी
फिर भी जीने पे मजबूर है ज़िन्दगी
रह गई बन के मैं ...
रह गई बन के मैं, ग़म भरी दास्ताँ
तुझको ढूँढ़ूँ तो ढूँढ़ूँ कहाँ
किसके दर पे न हम ग़म के मारे गये
सारे आलम में तुझको पुकारे गये
ना तो मंज़िल मिली ...
ना तो मंज़िल मिली, ना मिला कारवाँ
तुझको ढूँढ़ूँ तो ढूँढ़ूँ कहाँ (हाय) ()
तिनके चुन चुन के हमने बसाया था घर (
कितने सपनोँ से हमने सजाया था घर
ना वो तिनके रहे ...
ना वो तिनके रहे, ना रहा आशियाँ
तुझको ढूँढ़ूँ तो ढूँढ़ूँ कहाँ ()
सारी दुनिया से पूछा, मिला ना निशाँ
चुप रही ये ज़मीं, चुप रहा आसमाँ
तुझको ढूँढ़ूँ तो ढूँढ़ूँ कहाँ
तुझको ढूँढ़ूँ ओ सजना कहाँ$