मोहब्बत ज़िन्दा रहती है मोहब्बत मर नहीं सकती - The Indic Lyrics Database

मोहब्बत ज़िन्दा रहती है मोहब्बत मर नहीं सकती

गीतकार - कमर जलालाबादी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - हंसराज बहल | फ़िल्म - चंगेज़ खान | वर्ष - 1957

View in Roman

खोल आँखें अपने ख़्वाब-ए-नाज़ से
जग मेरे प्यार की आवाज़ से
ज़िन्दगी बेताब है तेरे लिए
आ गले लग जा उसी अंदाज़ से
मोहब्बत ज़िन्दा रहती है मोहब्बत मर नहीं सकती
अजी इन्सान क्या ये तो ख़ुदा से डर नहीं सकती
ये कह दो मौत से जा कर के एक दीवाना कहता है
कोई दीवाना कहता है
मेरी रूह-ए-मोहब्बत मुझसे पहले मर नहीं सकती
चली आ, ओ मेरी जान-ए-तमन्ना दिल की महफ़िल में
चली आ, चली आ, चली आ दिल की महफ़िल में
मेरी जां, दिल की महफ़िल में
तू मुझसे दूर हो उल्फ़त ग़वारा कर नहीं सकती