कहो कहां चले जहां तुम ले चलो - The Indic Lyrics Database

कहो कहां चले जहां तुम ले चलो

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - आशा भोंसले, किशोर कुमार | संगीत - आर डी बर्मन | फ़िल्म - बुलन्दी | वर्ष - 1980

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ख़िशोरे : कहो कहाँ चले
आश : जहाँ तुम ले चलो
फिर भी मन्ज़िल कहाँ
ख़िशोरे : जहाँ हमसे मिलो
कहो कहाँ चले
आश : जहाँ तुम ले चलो
ख़िशोरे : फिर भी मंज़िल कहाँ
आश : जहाँ हमसे मिलोख़िशोरे : प्यार का सफ़र तो दीवाना
आश : आ ~ आ ~ आ
ख़िशोरे : ख़बर नही,
कहाँ लिये जाये मसताना -२
ख़िशोरे : प्यार का सफ़र तो दीवाना
आश : ल ~ ल ~ ल
ख़िशोरे : खबर नही,
कहाँ लिये जाये मसताना -२
मोड़ आये जहाँ वहाँ मिलके चलोख़िशोरे : फिर भी मंज़िल कहाँ
आश : जहाँ हमसे मिलोआश : काश घटा ज़रा बरसे
ख़िशोरे : हुन .्उन .्उन
आश : लिपट रहा
साजन से जी भरके-२
आश : काश घटा ज़रा बरसे
ख़िशोरे : अए हे हे हे
आश : लिपट रहा
साजन से जी भरके-२
रंग उठे समा आज ऐसे मिलो
ख़िशोरे : फिर भी मंज़िल कहाँ
आश : जहाँ हमसे मिलोख़िशोरे : बरखा की देखो रन.ग रलिया
आश : लह ~ ल ~ ल
ख़िशोरे : बूंदें नहीं
तुम्पे लुटा रही कलियाँ-२
आश : दिल तो कहे जाने जा
ख़िशोरे : अए हे हे हे
आश : रुक जा यहीँ
आगे कहीं नहीं जाना-२
ख़िशोरे : यही दिल में बसो
यही दिल में खिलो
ख़िशोर : फिर भी मंज़िल कहाँ
आश : जहाँ हमसे मिलो