दिल ए नाशाद को जिने की हसरत हो गई तुम से - The Indic Lyrics Database

दिल ए नाशाद को जिने की हसरत हो गई तुम से

गीतकार - बी आर शर्मा | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - हंसराज बहल | फ़िल्म - चुनारिया | वर्ष - 1948

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दिल-ए-नाशाद को जीने की हसरत हो गई तुम से
मुहब्बत की कसम हम को मुहब्बत हो गई तुम सेदम-ए-आख़िर चले आये बड़ा एहसाँ किया तुम ने
हमारी मौत कितनी ख़ूबसूरत हो गई तुम सेकहाँ तक कोई तड़पे मान जाओ, मान भी जाओ
कि दिल की बात कहते एक मुद्दत हो गई तुम सेदिल-ए-नाशाद को जीने की हसरत हो गई तुम से
मुहब्बत की कसम हम को मुहब्बत हो गई तुम से