कल्पना के घन बरसाते - The Indic Lyrics Database

कल्पना के घन बरसाते

गीतकार - भरत व्यास | गायक - लता मंगेशकर, महेंद्र कपूर | संगीत - वसंत देसाई | फ़िल्म - अमर ज्योति | वर्ष - 1965

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ल: कल्पना के घन बरसते गीत गीले हो रहे
भाव रिमझिम कर रहे हैं स्वर रसीले हो रहेनाचतीं श्यामल घटाएँ थिरकती बरसात है
म: इक कहानी बनके आई ये सुहानी रात है
झूमता फिरता पवन
ल: हो, झूमता फिरता पवन झोंके नशीले हो रहे
कल्पना के घन बरसतेल: किस प्रणय की आग में जल (गीत गाता है पवन) -२
गीत गाता है पवन
म: मांग भरता है दुल्हन की (मोतियों से ये गगन) -२
(झुक रहे तेरे नयन) -२ कितने न हीले हो रहे
कल्पना के घन बरसते