भागी चक्र नित चलता है - The Indic Lyrics Database

भागी चक्र नित चलता है

गीतकार - | गायक - अमीरबाई कर्नाटकी | संगीत - अनिल बिस्वास | फ़िल्म - | वर्ष - 1936

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भाग्य चक्र नित चलता है कर्मों की गति न्यारी है
रोता हो या हँसता हो भाग्य चक्र नित जारी हैफिरता है किसी के पहलू में संसार यह सारा
रोता है किसी की फ़ुर्क़त में बदहाल बेचाराकर्मों का फल भोग रहा पापी नाबीना
दुनिया का दौर निराला पलभर का पसाराबीता बचपन आई जवानी आई जवानी क्या दीवानी
दुनिया बन्धन है इक धोखा प्रेम अमर है और लाफ़ानी