रात का शौक़ है - The Indic Lyrics Database

रात का शौक़ है

गीतकार - गुलजार | गायक - Nil | संगीत - ए. आर. रहमान | फ़िल्म - गुरु | वर्ष - 2007

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रात का शौक़ है
रात की सौंधी सी ख़ामोशी का शौक़ है
शौक़ है
सुबह की रौशनी
बेजुबां सुबह की वो गुनगुनाती रौशनी का शौक़ है
शौक़ है, शौक़ है
सनसनी नोवलों का
इश्क़ के बावलों का
सनसनी नोवलों, इश्क़ के बावलों
बर्फ से खेलते बादलों का शौक़ है
काश ये ज़िंदगी खेल ही खेल में खो गई होती
रात का शौक़ है
नींद की गोलियों का
ख़्वाब की लोरियों का
नींद की गोलियां, ख़्वाब की लोरियां
बेजुबान ओस की बोलियों का शौक़ है
काश ये ज़िंदगी बिन कहे बिन सुने सो गई होती
सुबह की रौशनी
बेजुबां सुबह की वो गुनगुनाती रौशनी का शौक़ है