किए अपने हाथों से मोहब्बत में सारा जहां - The Indic Lyrics Database

किए अपने हाथों से मोहब्बत में सारा जहां

गीतकार - शबाब किरणविक | गायक - माला | संगीत - मंजूर अशरफ | फ़िल्म - इंसानियत (पाकिस्तानी-फिल्म) | वर्ष - 1967

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किये अपने हाथों से तेरी तस्वीर के टुकड़े
नहीं तस्वीर के टुकड़े ये हैं तक़दीर के टुकड़ेमोहब्बत में सारा जहाँ जल गया है
( मोहब्बत में सारा जहाँ जल गया है
ज़मीं जल गई आसमाँ जल गया है ) -२
मोहब्बत में सारा जहाँ जल गया हैशगूफ़ा खिलेगा न कोई चमन में -२
कि हँसता हुआ गुलसिताँ जल गया हैमोहब्बत में सारा जहाँ जल गया है
ज़मीं जल गई आसमाँ जल गया है
मोहब्बत में सारा जहाँ जल गया हैन मंज़िल है कोई न कोई ठिकाना -२
चमन लुट गया आशियाँ जल गया हैमोहब्बत में सारा जहाँ जल गया है
ज़मीं जल गई आसमाँ जल गया है
मोहब्बत में सारा जहाँ जल गया हैज़ुबाँ पर न लाना तू नाम-ए-मोहब्बत -२
मुहब्बत का नाम-ओ-निशाँ जल गया हैमोहब्बत में सारा जहाँ जल गया है
ज़मीं जल गई आसमाँ जल गया है
मोहब्बत में सारा जहाँ जल गया है