मोहब्बत के झूठे सहारोंने लूटा - The Indic Lyrics Database

मोहब्बत के झूठे सहारोंने लूटा

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - तलत महमूद | संगीत - रोशन | फ़िल्म - संस्कार | वर्ष - 1952

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मोहब्बत के झूठे सहारोंने लूटा
चमन को चमन की बहारों लूटा
चराग आँधियों में जलाएँ तो कैसे
हमारी नज़र को नज़ारों ने लूटा
वो झूठी क़सम, वो वफ़ाओं के वादे
हमें मंज़िलों के इशारों ने लूटा
मुक़द्दर से कोई शिकायत करे क्या
हमें जगमगाते सितारों ने लूटा